… कम-से-कम दो बार प्रतिदिन, नीरवता प्राप्त करने का अभ्यास करना सर्वदा ही बहुत अच्छा है, परंतु वह सच्ची नीरवता होनी चाहिये, केवल बातचीत बन्द करना ही नहीं होना चाहिये।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९२९-१९३१
यदि अधिकतर भारतीय सचमुच अपने सम्पूर्ण जीवन को सच्चे अर्थ में धार्मिक बना पाते तब…
जो लोग सत्यके अनुसार अपना-जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, उनके लिये एकमात्र मार्ग है भागवत…
जब तक हम वर्तमान विश्व-चेतना में निवास करते हैं तब तक यह जगत, जैसा कि…
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…