आत्मविश्वास से और भगवान् पर श्रद्धा से भरी हंसी दुश्मन को सबसे अधिक तहस-नहस कर देने वाली शक्ति है – वह शत्रु के मोर्चे को तोड़ देती है, उसकी सेनाओं में खलबली मचा देती है और तुम्हें विजयी के रूप में आगे बढ़ाती है ।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-३)
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