दिव्य लीला


श्रीअरविंद आश्रम की श्री माँ

सारा काम खेल होना चाहिए, लेकिन वह हो दिव्य लीला, जिसे स्वयं भगवान के साथ और भगवान के लिये खेला जाता है ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)


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