श्रीमाँ का कमरा सजावट की वस्तुओं से हमेशा भरा हुआ होता था जो उनको बच्चो ने बड़े प्रेम से भेंट की थी । मैगी माँ का कमरा साफ करती थी। यद्यपि वह बहुत सावधान रहती थी किन्तु एक दिन चीनी मिट्टी का बना हुआ एक गुलाब उसकी साड़ी में अटक कर गिर पड़ा और टूट गया। मैगी बहुत परेशान हो गई किन्तु माँ ने उसे यह कहकर सान्त्वना दी, “कोई बात नहीं, यह हमारे लिये सौभाग्य लायेगा।”
संदर्भ : श्रीअरविंद एवं श्रीमाँ की दिव्य लीला
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…