श्रीमाँ का कमरा सजावट की वस्तुओं से हमेशा भरा हुआ होता था जो उनको बच्चो ने बड़े प्रेम से भेंट की थी । मैगी माँ का कमरा साफ करती थी। यद्यपि वह बहुत सावधान रहती थी किन्तु एक दिन चीनी मिट्टी का बना हुआ एक गुलाब उसकी साड़ी में अटक कर गिर पड़ा और टूट गया। मैगी बहुत परेशान हो गई किन्तु माँ ने उसे यह कहकर सान्त्वना दी, “कोई बात नहीं, यह हमारे लिये सौभाग्य लायेगा।”
संदर्भ : श्रीअरविंद एवं श्रीमाँ की दिव्य लीला
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में…
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…