तुम ज्योतिषियों की बात पर विश्वास ही क्यों करते हो ? यह विश्वास ही मुश्किल लाता है ।
श्रीअरविन्द कहते हैं कि मनुष्य अपने बारे में जो सोचता है वही बन जाता है ।
संदर्भ : माताजी के वचन ( भाग-३)
भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…
सूर्यालोकित पथ का ऐसे लोग ही अनुसरण कर सकते हैं जिनमें समर्पण की साधना करने…
एक चीज़ के बारे में तुम निश्चित हो सकते हो - तुम्हारा भविष्य तुम्हारें ही…
सभी खिन्नता और विषाद को विरोधी शक्तियाँ ही पैदा करती हैं, उन्हें तुम्हारें ऊपर उदासी…