सभी खिन्नता और विषाद को विरोधी शक्तियाँ ही पैदा करती हैं, उन्हें तुम्हारें ऊपर उदासी फेंक कर जितनी खुशी होती है उतनी और किसी चीज़ से नहीं होती। नम्रता एक चीज़ है और खिन्नता एक दूसरी ही चीज़ । नम्रता एक दिव्य गति है खिन्नता है अंधकारमयी शक्तियों की बहुत ही अनगढ़ अभिव्यक्ति।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर (१९२९-१९३१)
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... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…
भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…
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