हम धरती पर प्रगति करने और अपने-आपको उत्तरोत्तर जीवनों में अधिक पूर्ण बनाने के लिए हैं। जो कुछ हम इस बार नहीं कर सकते उसे अगली बार करेंगे, और इस बार हम जो भी प्रगति कर लेंगे वह तब -हमारी सहायता करेगी।
काली उन सबकी सहायता करती हैं जो उन्हें पुकारते हैं, और उनकी सहायता से प्रगति अधिक तेजी से आती है।
आशीर्वाद।
संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड १७)
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…