सामान्य जीवन से बस व्याकुलताभरा असंतोष इस योग के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं है। आध्यात्मिक जीवन में सफलता पाने के लिए एक निश्चित आन्तरिक पुकार, प्रबल इच्छा और महान स्थिरता अनिवार्य हैं ।
संदर्भ : श्रीअरविंद (खण्ड-२३)
यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…
जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…
आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…
.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…
अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…