आगे बढ़ने का रहस्य

इन छोटी-छोटी बातों से क्यों उत्तेजित हो जाते हो? या उनसे अपने को क्यों विचलित होने देते हो? यदि तुम अचंचल रहो तो वस्तुस्थिति अधिक अच्छी हो जायगी और यदि कोई कठिनाई आये, तो अधिक सम्भव यह है कि तुम शान्ति और शक्ति के प्रति उद्घाटित रहकर शान्त मन के द्वारा रास्ता ढूँढ़ लोगे। आगे बढ़ने का यही रहस्य है कि वस्तुओं और घटनाओं से, यहां तक कि सच्ची भूलों से भी, अपने को विक्षुब्ध न होने दो, किन्तु बिलकुल शान्त रहकर इस बात पर भरोसा रखो कि शक्ति तुम्हें मार्ग बतायेगी और सब वस्तुओं को उत्तरोत्तर अधिक व्यवस्थित कर देगी। यदि व्यक्ति यह करे तो स्थिति वस्तुतः अधिकाधिक ठीक होती जाती है और कठिनाइयां और भूलें भी सीखनेका साधन तथा प्रगतिके कदम बन जाती हैं।

सन्दर्भ : श्रीअरविन्द के पत्र (भाग-३)

शेयर कीजिये

नए आलेख

भगवान के दो रूप

... हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ…

% दिन पहले

भगवान की बातें

जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…

% दिन पहले

शांति के साथ

हमारा मार्ग बहुत लम्बा है और यह अनिवार्य है कि अपने-आपसे पग-पग पर यह पूछे…

% दिन पहले

यथार्थ साधन

भौतिक जगत में, हमें जो स्थान पाना है उसके अनुसार हमारे जीवन और कार्य के…

% दिन पहले

कौन योग्य, कौन अयोग्य

‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…

% दिन पहले

सच्चा आराम

सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…

% दिन पहले