हमेशा अहंकार अवसाद में डूब जाता है ।
उसकी परवाह न करो। चुपके से अपना काम करते चलो तो अवसाद ग़ायब हो जायेगा ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
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