अंदर की बेचैनी ही तुम्हें आंतरिक और बाह्य रूप से नींद लेने से रोकती हैं। अच्छी नींद के लिए मन, प्राण और शरीर को भी शिथिल छोड़ना और निश्चल बनाना सीखना होगा।
संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५५
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