अच्छा यंत्र पर बुरा मालिक

प्राण एक अच्छा यंत्र है पर बुरा मालिक है। यदि तुम इसे इसकी रुचि और अरुचि, इसकी मौजों, इसकी कामनाओं, इसके बुरे अभ्यासों का अनुसरण करने दो तो यह तुम्हारा मालिक बन जायेगा और सुख -शांति प्राप्त करना फिर संभव न रहेगा। उस समय यह तुम्हारा यंत्र नहीं बनता और न भागवत शक्ति का यंत्र बनता है, बल्कि अज्ञान की किसी शक्ति का अथवा किसी विरोधी शक्ति का भी यंत्र बन जाता है जो इसे पकड़ सकती और इसका उपयोग कर सकती है ।

संदर्भ : श्रीअरविंद के पत्र 

शेयर कीजिये

नए आलेख

पूर्ण समता

जिन घटनाओं की हम प्रतीक्षा नहीं करते, जिनकी हम आशा या इच्छा नहीं करते, जो…

% दिन पहले

भौतिक चीजों की देखभाल

तुम जिन भौतिक चीजों का उपयोग करते हो उनको ठीक से सम्भाल कर न रखना…

% दिन पहले

उपस्थिती का अनुभव

मेरी प्यारी माँ, काश ! मैं अपनी अज्ञानी सत्ता को यह विश्वास दिला पाता कि…

% दिन पहले

अवलोकनों का प्रशिक्षण

तुम्हारा अवलोकन बहुत कच्चा है। ''अन्दर से'' आने वाले सुझावों और आवाजों के लिए कोई…

% दिन पहले

रूपान्तर होगा ही होगा

क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन…

% दिन पहले

अपने चरित्र को बदलने का प्रयास करना

सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…

% दिन पहले