हिंदु धर्म
एष: धर्म: सनातन: । हिंदु धर्म कोई संप्रदाय या मतान्ध धर्म सिद्धान्त, सूत्रो की गठरी, सामाजिक नियमों का संग्रह नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली, शाश्वत...
एष: धर्म: सनातन: । हिंदु धर्म कोई संप्रदाय या मतान्ध धर्म सिद्धान्त, सूत्रो की गठरी, सामाजिक नियमों का संग्रह नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली, शाश्वत...
कोई भी हर व्यक्ति को हर चीज़ बताने के लिए बाध्य नहीं है – इससे प्राय: अच्छा होने की अपेक्षा हानि हो सकती है। हर...
जैन दर्शन का संबंध व्यक्तिगत पूर्णता से है। हमारा प्रयास बिल्कुल भिन्न है। हम एक नवीन शक्ति के रूप में अतिमानस को उतार लाना चाहते...
एक नियम मैं तुम्हारे लिए निश्चित कर सकता हूँ, ऐसा कोई काम मत करो, ऐसी कोई बात मत कहो या सोचो जिसे तुम माताजी से...
यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का अभिप्राय नहीं हैं, न भौतिक...
प्रत्येक कलाकार के अन्दर उसके प्राणिक-भौतिक भागों में सार्वजनिक व्यक्ति की कोई चीज़ होती है जो उसे श्रोता के प्रोत्साहन, सामाजिक प्रशंसा, गर्व की तृप्ति,...
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि तुम ऐसा करो और प्रत्येक...
योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च सत्ता के साथ तथा मानवता की वर्तमान प्रकृति की सनातन,...
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस सत्ता की सतह के रूप में नहीं देखता, तब तक...
कब तक तुम इस मन के गोलाकार पथों पर चक्कर खाते रहोगे ? अपनी क्षुद्र अहम सत्ता और नगण्य वस्तुओं से घिरे रहोगे ? संदर्भ...