
श्रीअरविंद आश्रम के बाहर
यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का अभिप्राय नहीं हैं, न भौतिक...
यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का अभिप्राय नहीं हैं, न भौतिक...
प्रत्येक कलाकार के अन्दर उसके प्राणिक-भौतिक भागों में सार्वजनिक व्यक्ति की कोई चीज़ होती है जो उसे श्रोता के प्रोत्साहन, सामाजिक प्रशंसा, गर्व की तृप्ति,...
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि तुम ऐसा करो और प्रत्येक...
योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च सत्ता के साथ तथा मानवता की वर्तमान प्रकृति की सनातन,...
जब तक कि मनुष्य अपने अन्दर गहराई में नहीं जीता और बाहरी क्रिया-कलापों को बस सत्ता की सतह के रूप में नहीं देखता, तब तक...
कब तक तुम इस मन के गोलाकार पथों पर चक्कर खाते रहोगे ? अपनी क्षुद्र अहम सत्ता और नगण्य वस्तुओं से घिरे रहोगे ? संदर्भ...
सांसारिक जीवन संघर्ष का जीवन है – इस पर उचित तरीके से चलने के लिए तुम्हें अपने जीवन तथा अपनी क्रियाएँ भगवान को समर्पित करनी...
सबसे पहले हमें अपनी इच्छा को श्रीमाँ की इच्छा के साथ युक्त कर देना चाहिए और यह समझना चाहिए कि यह केवल यंत्र है और...
जब कोई विशेष कार्य करना होता है तब अवतार की आवश्यकता होती है। अवतार विशेष अभिव्यक्ति होते हैं जब कि बाकी समय सामान्य मनुष्य के...
प्रकृति के जिस दिव्यीकरण की बात हम कर रहे हैं वह पूरी तरह से काया-पलट है – न केवल किसी तरह की अतिमानवता में विकास...