यदि चैत्य पुरुष प्रकट हो तो वह तुमसे अपने प्रति नहीं, बल्कि माताजी के प्रति आत्मसमर्पण करने को कहेगा। संदर्भ…
माताजी की शक्ति शरीर में पूर्ण रूप से कार्य करे इसके लिये यह आवश्यक है कि केवल मन में ही…
नहीं, आश्रम में रहना पर्याप्त नहीं है - व्यक्ति को श्रीमाँ के प्रति उद्घाटित होना होगा और उस कीचड को…
इस विषय में निस्संदिग्ध रहो कि तुम्हें इस पथ पर ले जाने के लिये माताजी सदा तुम्हारें साथ रहेगी। कठिनाइयाँ…
अपनी सभी गतिविधियों में संकल्प के पूर्ण समर्पण के माध्यम से भागवत उपस्थिती तथा शक्ति के साथ अपनी आत्मा का…
किसी कठिनाई के कारण बेचैन या निरुत्साहित मत होओ, बल्कि चुपचाप और सरल भाव से अपने को माताजी की शक्ति…
मनुष्यों के लिए मैं उस शांति की मांग कर रहा हूं जो कभी असफल न होगी, धरती के लिए मैं…
साधक को हमेशा यह याद रखना चाहिये कि प्रत्येक वस्तु आन्तरिक मनोवृत्ति पर निर्भर करती है; यदि उसे भागवत कृपा…
यहाँ (श्रीअरविंद आश्रम) गृहस्थ तथा सन्यासी के बीच भेद करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता, क्योंकि हमारे लिए वह…
समग्र योग इसलिए कहा गया है क्योंकि आध्यात्मिक सिद्धि तथा अनुभव की सामंजस्यपूर्ण संपूर्णता प्राप्त करना इसका लक्ष्य है। इसका…