श्रीमातृवाणी खण्ड ११

चिंता

चिंता करना जहर का प्याला पीने के समान है । संदर्भ : पथ पर 

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तुम्हारा समय बीत गया

तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था - अब तुम्हें…

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हँसते रहो

व्यक्ति को हमेशा हँसना चाहिये, हमेशा। 'प्रभु' हँसते है और हँसते रहते हैं। 'उनका' हास्य इतना अच्छा है, इतना अच्छा…

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