बहुत समय पहले श्रीअरविन्द ने आश्रम में हर जगह यह अनुस्मारक लगवा दिया था जिसे तुम सब जानते हो :…
क्षण- भर के लिए भी यह विश्वास करने में न हिचकिचाओ कि श्रीअरविन्द नें परिवर्तन के जिस महान् कार्य के…
प्यारी माँ, आपका प्रेम ही मेरे लिए सच्चा आश्रय और बल है। माँ, मैं आपको जो कुछ अर्पित करता हूँ…
मेरी प्यारी माँ, मेरे अन्दर से उस समस्त अंधकार को निकाल दो जो मुझे अन्धा बना देता है और हमेशा…
जिसकी सचमुच जरूरत होगी, वह चीज़ अवश्य आयेगी । आशीर्वाद ! संदर्भ : श्रीमातृवाणी (खण्ड-१६)
मेरे प्यारे बालक, जब कभी तुम्हें आध्यात्मिक सहायता की ज़रूरत हो मैं हमेशा तुम्हें सहायता देने को तैयार रहती हूँ…
(आश्रम के बहुत पुराने सदस्य स्व. उदार पिंटों को कौन नहीं जानता ? श्रीमाँ के बहुत निकट थे उदार दा…
माताजी, २६ वर्ष प्रयास करने के बाद भी में देखता हूँ कि मैं निष्ठावान होने से बहुत दूर हूँ। छोटी-छोटी…