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श्रीअरविंद के पत्र

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आलोचना की आदत
200

आलोचना की आदत

by श्रीअरविंद 6 दिन ago6 दिन ago
भगवान पर भरोसा
820

भगवान पर भरोसा

by श्रीअरविंद 4 सप्ताह ago4 सप्ताह ago
  • 850
    प्रभु श्रीअरविंद और उनके विचार
    श्रीअरविंद के वचन

    सांसारिक जीवन का त्याग

    सत्ता के पूर्ण आध्यात्मिक जीवन के लिये तैयार हों जाने से पहले सांसारिक जीवन का त्याग करना लाभदायी नही होता। ऐसा करने का अर्थ है...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 560
    प्रभु श्रीअरविंद और जगदजननी श्री माँ
    श्रीअरविंद के वचन

    शान्ति पर्याप्त नहीं

    शान्ति आवश्यक आधार है पर शान्ति पर्याप्त नहीं है। यदि शान्ति प्रबल और स्थायी हो तो वह आंतर सत्ता को मुक्त कर सकती है जो...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 250
    महर्षि श्रीअरविंद अपने कक्ष में
    श्रीअरविंद के वचन

    अचंचलता की अवस्था

    अचंचलता उस अवस्था को कहते हैं जब मन या प्राण विक्षुब्ध, अशांत तथा विचारों और भावनाओं के द्वारा बहिर्गत या परिपूर्ण न हों। विशेषत. जब...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 430
    Sri Aurobindo photographed in his room
    श्रीअरविंद के वचन

    सबसे पहली आवश्यकता

    अगर मन चंचल हों तो योग की नींव डालना संभव नही। सबसे पहले यह आवश्यक है कि मन अचंचल हो । और व्यक्तिगत चेतना का...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 310
    प्रभु श्रीअरविंद
    श्रीअरविंद के वचन

    रोग के आक्रमणों का अनुभव

    अगर हम केवल बाहरी भौतिक चेतना में ही रहें तो सामान्यतः हम यह नहीं जानते कि हम बीमार होने जा रहे हैं जब तक कि...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 1030
    श्रीअरविंद का चित्र
    श्रीअरविंद के वचन

    साधना में दृढ़ आधार

    समता के बिना साधना में दृढ़ आधार नहीं बन सकता। परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी अप्रिय हों, दूसरों का व्यवहार चाहे कितना भी अरुचिकर हो, तुम्हें पूर्ण...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 670
    श्रीअरविंद के पत्र
    श्रीअरविंद के वचन

    चैत्य पुरुष का प्रभुत्व

    एक बच्चे की तरह बन जाना और अपने-आपको संपूर्णतः  दे देना तब तक असम्भव है , जब तक कि चैत्य पुरुष का प्रभुत्व न हों...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 550
    दर्शन संदेश १५ अगस्त २०१८ (२/४)
    श्रीअरविंद के वचन

    आन्तरिक एकाग्रता की साधना

    आन्तरिक एकाग्रता की साधना में निम्नलिखित चीजें सम्मिलित हैं : १. हृदय-केन्द्र में चेतना को स्थिर करना तथा वहां भगवती माता के विचार, छवि या...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 720
    Sri Aurobindo photographed in his room
    श्रीअरविंद के वचन

    अचंचल मन का अर्थ

    अचंचल मन का अर्थ यह नही है कि उसमें कोई विचार या मनोमय गतियाँ एक- दम होगी ही नही, बल्कि यह अर्थ है कि ये...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago
  • 520
    15 अगस्त 2019 दर्शन संदेश श्रीअरविंद का जन्मदिवस
    श्रीअरविंद के वचन

    श्रद्धावान् लभते ज्ञानम,

    … इस ज्ञान को प्राप्त करने के लिए हमारे अन्दर ऐसी श्रद्धा होनी चाहिये जिसे कोई भी बौद्धिक सन्देह विचलित न कर सके, श्रद्धावान् लभते...

    श्रीअरविंद
    by श्रीअरविंद 2 वर्ष ago2 वर्ष ago

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    भगवती माँ की कृपा

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    जीवन का उद्देश्य

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    दुश्मन को खदेड़ना

    दुश्मन को खदेड़ना

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    आलोचना की आदत

    आलोचना की आदत

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    कृतज्ञता

    कृतज्ञता

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    अनुशासन

    अनुशासन

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    भागवत मुस्कान का ध्यान

    भागवत मुस्कान का ध्यान

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    मनोबल

    मनोबल

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    तुम्हारा चुनाव

    तुम्हारा चुनाव

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    खिन्नता

    खिन्नता

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    मेरी इच्छा

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    ज्ञान

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    मानसिक रूपायण

    मानसिक रूपायण

  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    नयी चीज़ का डर

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  • श्रीअरविंद आश्रम की श्रीमाँ
    युवकों को आह्वान

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