
तरु
एक तरु रेतीले सर-तीर बढ़ाये अपने लंबे डाल अंगुलियों से ऊपर की ओर चाहता छूना गगन विशाल । किन्तु पायेंगे क्या वे स्वर्ग प्रणय-रस...
एक तरु रेतीले सर-तीर बढ़ाये अपने लंबे डाल अंगुलियों से ऊपर की ओर चाहता छूना गगन विशाल । किन्तु पायेंगे क्या वे स्वर्ग प्रणय-रस...