मधुर माँ, आपने बहुत बार कहा है कि हमारे क्रिया कलाप भगवान के प्रति उत्सर्ग होने चाहियें। इसका ठीक-ठीक अर्थ…
मैं नहीं मानती की गुफा की साधना आसान हे-केवल, वहां कपट छिपा रहता है जबकि क्रियाकलाप और जीवन में वह…
अगर वह दूर से सहायता ग्रहण नहीं कर सकता तो यहाँ रह कर योग जारी रखने की आशा कैसे कर…
कोई भी हर व्यक्ति को हर चीज़ बताने के लिए बाध्य नहीं है - इससे प्राय: अच्छा होने की अपेक्षा…
भगवान् तुम्हारी अभीप्सा के अनुसार तुम्हारे साथ हैं । स्वभावत:, इसका यह अर्थ नहीं है कि वे तुम्हारी बाह्य प्रकृति…
यह मानना बड़ी भूल है कि यहाँ प्रत्येक व्यक्ति अंतत: पॉण्डिचेरी आश्रम से जुडने आया है । यह श्रीमाँ का…
प्रत्येक कलाकार के अन्दर उसके प्राणिक-भौतिक भागों में सार्वजनिक व्यक्ति की कोई चीज़ होती है जो उसे श्रोता के प्रोत्साहन,…
न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें उचित मनोवृत्ति अपनानी चाहिये। यदि…
कोई आसक्ति न हो, कोई कामना न हो, कोई आवेग न हो, कोई पसन्द न हो; पूर्ण समता हो, अचल…
सांसारिक जीवन संघर्ष का जीवन है - इस पर उचित तरीके से चलने के लिए तुम्हें अपना जीवन तथा अपनी…