विकास

चिरयुवा बने रहना

. . . एक ऐसा बुढ़ापा भी है जो वर्षों के संग्रह से भी कहीं अधिक ख़तरनाक और कहीं अधिक…

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दिव्यत्व कैसे ?

स्वयं को ब्रह्मांड की अंतिम सीमाओं और उससे भी आगे तक फैला दो। स्वयं के ऊपर ले लो विकास की…

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प्रार्थना क्यों ?

... बहुत कठोर युक्ति-तर्कवाले लोग तुमसे कहते हैं : “तुम प्रार्थना क्यों करते हो? तुम अभीप्सा क्यों करते हो? तुम…

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भगवान् के कार्य को समझना

सच पूछो तो तुम अपने मन से भगवान् और उनके कार्य को समझने की आशा नहीं कर सकते, बल्कि अपने…

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विकास

प्रकति में एक ऊपर उठने वाला विकास है जो पत्थर से पौधों में और पौधे से पशु में तथा पशु…

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वृद्ध होने के बारे में श्रीमां

बड़ी उम्र में श्रीमां को दिनानुदिन अधिकाधिक फुतीला, उत्साहपूर्ण, युवा देख हमारे हृदय में उनकी वही वाणी गूंजा करती थी…

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