
समग्र समर्पण
यदि सत्ता का कोई अंग समर्पण करे और कोई दूसरा अंग जहाँ-का-तहाँ अड़ा रह जाये, अपने ही रास्ते पर चलता चलें या अपनी शर्तों को...
यदि सत्ता का कोई अंग समर्पण करे और कोई दूसरा अंग जहाँ-का-तहाँ अड़ा रह जाये, अपने ही रास्ते पर चलता चलें या अपनी शर्तों को...
यदि अपनी भक्ति और समर्पण के पीछे तुम अपनी इच्छाओं को, अहंकार की अभिलाषाओं और प्राणों के हठों को छिपा रखोगे, अपनी सच्ची अभीप्सा के...