प्रश्न और उत्तर १९५४

संकरे विचार से छुटकारा

. . . जब तुम्हें लगे कि पूरी तरह किसी संकरे, सीमित विचार, इच्छा और चेतना में बंद हो, जब…

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पक्का विश्वास

. . . तुम्हें कभी हताश नहीं होना चाहिये । या अगर तुम बहुत बार भूल कर चुके हो तो…

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अप्रसन्नता

जिस क्षण तुम दुःख अनुभव करने लगो उसी क्षण तुम उसके नीचे लिख सकते हो, "मैं सच्चा नहीं हूँ।" ये…

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अप्रसन्नता और कपट

तुम दुःखी, बहुत उदास, निरुत्साहित और अप्रसन्न हो जाते हो : "आज चीज़ें अनुकूल नहीं है। वे कल जैसी नहीं…

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श्रद्धा और भरोसा

श्रद्धा भरोसे से अधिक, कहीं अधिक पूर्ण है। देखो, तुम्हें भगवान पर भरोसा है, इस अर्थ में कि तुम्हें अधिक…

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श्रद्धा और भरोसा का अन्तर

भगवान पर श्रद्धा रखने और भरोसा करनें में क्या अन्तर है ? जैसा कि श्रीअरविंद ने लिखा है, श्रद्धा भरोसे…

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ग्रहणशीलता

मां, ग्रहणशीलता किस बात पर निर्भर करती है? इसका पहला आधार है सच्चाई-व्यक्ति सचमुच ग्रहण करना चाहता है या नहीं-और…

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अपने-आपको बुरा भला कहना

  क्या अपने-आपको  बुरा-भला  कहना प्रगति करने का अच्छा उपाय है ?   अपने-आपको बुरा भला कहना ? नहीं ,ज़रूरी…

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शिक्षा एक साँचा है

तुम सोचते हो कि तुम्हें जो पाठशाला भेजा जाता है और तुमसे जो वहाँ अभ्यास करवाये जाते हैं, यह सब…

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निष्कपट निष्ठा

माँ "निष्कपट" निष्ठा का क्या अर्थ है ? निष्कपट? वह सरल, सच्ची और शंका-रहित होती है। विशेश रूप से हम…

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