. . . जब तुम्हें लगे कि पूरी तरह किसी संकरे, सीमित विचार, इच्छा और चेतना में बंद हो, जब…
. . . तुम्हें कभी हताश नहीं होना चाहिये । या अगर तुम बहुत बार भूल कर चुके हो तो…
जिस क्षण तुम दुःख अनुभव करने लगो उसी क्षण तुम उसके नीचे लिख सकते हो, "मैं सच्चा नहीं हूँ।" ये…
तुम दुःखी, बहुत उदास, निरुत्साहित और अप्रसन्न हो जाते हो : "आज चीज़ें अनुकूल नहीं है। वे कल जैसी नहीं…
श्रद्धा भरोसे से अधिक, कहीं अधिक पूर्ण है। देखो, तुम्हें भगवान पर भरोसा है, इस अर्थ में कि तुम्हें अधिक…
भगवान पर श्रद्धा रखने और भरोसा करनें में क्या अन्तर है ? जैसा कि श्रीअरविंद ने लिखा है, श्रद्धा भरोसे…
मां, ग्रहणशीलता किस बात पर निर्भर करती है? इसका पहला आधार है सच्चाई-व्यक्ति सचमुच ग्रहण करना चाहता है या नहीं-और…
क्या अपने-आपको बुरा-भला कहना प्रगति करने का अच्छा उपाय है ? अपने-आपको बुरा भला कहना ? नहीं ,ज़रूरी…
तुम सोचते हो कि तुम्हें जो पाठशाला भेजा जाता है और तुमसे जो वहाँ अभ्यास करवाये जाते हैं, यह सब…
माँ "निष्कपट" निष्ठा का क्या अर्थ है ? निष्कपट? वह सरल, सच्ची और शंका-रहित होती है। विशेश रूप से हम…