तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी उतनी ही अधिक रहेगी। और…
माँ, श्रीअरविन्द ने हमेशा कहा है कि आप, आप हमारे अन्दर विराजमान रहती है। हाँ, यह सच है, एकदम सही…
हे माँ , मैं आपकी उपस्थिति का अनुभव क्यों नहीं करता ? मानसिक गतिविधि की अतिशयता ही तुम्हें मेरी उपस्थिति…
माताजी को स्मरण करो और, यद्यपि शरीर से तुम उनसे बहुत दूर हो, उनको अपने साथ अनुभव करने का प्रयास…