तुम दुःखी, बहुत उदास, निरुत्साहित और अप्रसन्न हो जाते हो : "आज चीज़ें अनुकूल नहीं है। वे कल जैसी नहीं…
मेरे हृदय की निश्चलता में तेरी आवाज़ सुरीले राग की तरह सुनायी देती है और मेरे मस्तिष्क में ऐसे शब्दों…
यदि किसी समय तुम्हें कोई गभीर दुःख, दारुण संशय या तीव्र कष्ट अभिभूत और हताश कर रहा हो तो शान्ति…
अगर हम अपरिहार्य रूप से अपनी व्यक्तिगत चेतना की चारदीवारी में बंद होते तो यह सचमुच दु:खद और अभिभूत करने…
भूल या सजा देने का कोई प्रश्न ही नहीं है-अगर लोगों को हम उनकी भूलों के लिए अपराधी ठहरायें या…
जीवनयात्रा में समस्त भय, संकट और विपदा का सामना करने के लिए कवच के रूप में तुम्हारे पास केवल दो…
..मेरे और तुम्हारे बीच एक विशेष सम्बन्ध है, उन सबके साथ जो मेरी और श्रीअरविन्द की शिक्षा की ओर मुंडे…
मैं तुम्हारे साथ हूं क्योंकि मैं तुम हूं या तुम में हो । मैं तुम्हारे साथ हूं , इसके बहुत…
जो होना चाहिये वह होगा, जो करना ज़रूरी है वह किया जायेगा...। हे प्रभो, तूने मेरी सत्ता में कैसा निश्चल…