अज्ञान

प्रार्थना

तुझे प्रणाम है हे भगवान् ! हे संसार के स्वामी ! हमें ऐसी शांति दे कि हम कर्म में आसक्त…

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मिथ्यात्व क्या है

जब एक बार चेतनाएं एकाकी चेतना से पृथक् हो गयीं तब अवश्यम्भावी रूप से वे अज्ञान में गिर गयीं, और…

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मनुष्य की भूल

प्रकृति में एक ऊपर उठने वाला विकास है जो पत्थर से पौधों में और पौधे से पशु में तथा पशु…

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एक निश्चय

आज से हम यह निश्चय कर लें कि हम अपने-आपको प्रतिदिन पूरी सच्चाई तथा सदिच्छा के साथ ऊपर उठायेंगे; एक…

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बदलों

बदलो... १. घृणा को सामञ्जस्य में २. ईर्ष्या को उदारता में ३. अज्ञान को ज्ञान में ४. अन्धकार को प्रकाश…

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