तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था - अब तुम्हें…
मैं कह सकती हूँ कि देह के कोषों को अपना सहारा, अपना आधार सिर्फ़ 'दिव्यता' में खोजना होगा, तब तक…
बहुधा हम उस चीज से चिपके रहते हैं जो थी, हमें पिछली अनुभूति के परिणाम को खोने का डर रहता…
संसार दुःख-दर्द और कष्टों से भरा है। हमें कोशिश करनी चाहिये कि कभी किसी के दुःख-दर्द को बढ़ाने वाले न…
मेरी अभीप्सा तेरी ओर उठ रही है, अपने रूप में सदा वैसी ही बचकानी, अपनी सरलता में अतिसामान्य, लेकिन मेरी…
वर्तमान राजनीति में भारत को क्या कोई विशेष भूमिका निभानी है ? ... भारत को जगत में एक भूमिका निभानी…
स्थिरता और तमस में घपला मत करो। स्थिरता है, आत्म-संयत शक्ति, अचंचल और सचेतन ऊर्जा, आवेशों पर प्रभुत्व और अचेतन…
जब तक तुम्हारें अन्दर धरती को बदलने की शक्ति न हो तब तक यह कहना बेकार है कि दुनिया ठीक…
मधुर माँ, आप अपने वार्तालाप में कहती हैं की हमें सच्ची आध्यात्मिक अनुभूति पाने के लिए डुबकी लगानी…
... बहुत कम लोग हैं, बहुत ही कम, उनकी संख्या न के बराबर है, जो सच्ची धार्मिक भावना के साथ…