व्यर्थ के विचारों से मुक्ति – १
प्रश्न -कार्य के समय व्यर्थ के विचार घुस आतें है और बाहरी और भीतरी सत्ताओं के संपर्क में बाधा डालते हैं । ऐसा कौन सी...
प्रश्न -कार्य के समय व्यर्थ के विचार घुस आतें है और बाहरी और भीतरी सत्ताओं के संपर्क में बाधा डालते हैं । ऐसा कौन सी...
” जब मैं ‘अज्ञान’ में सोया पड़ा था, तो मैं एक ऐसे ध्यान-कक्ष में पहुंचा जो साधू-संतों से भरा था | मुझे उनकी संगति उबाऊ...
तत्सवितुर्वरं रूपं ज्योतिः परस्य धीमहि | यन्नः सत्येन दीपयेत् ||