साधक को हमेशा यह याद रखना चाहिये कि प्रत्येक वस्तु आन्तरिक मनोवृत्ति पर निर्भर करती है; यदि उसे भागवत कृपा…
आध्यात्मिक प्रगति बाह्य परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती, जैसी कि हम आन्तरिक रूप से परिस्थितियों के बारे में प्रतिक्रिया करते…
भूल या सजा देने का कोई प्रश्न ही नहीं है-अगर लोगों को हम उनकी भूलों के लिए अपराधी ठहरायें या…
यहाँ (श्रीअरविंद आश्रम) गृहस्थ तथा सन्यासी के बीच भेद करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता, क्योंकि हमारे लिए वह…
हमारी प्रकृति न केवल संकल्प और ज्ञान के क्षेत्र में प्रान्त है बल्कि शक्ति के क्षेत्र में भी दुर्बल है।…
अभीप्सा का तात्पर्य है, शक्तियों को पुकारना । जब शक्तियाँ प्रत्युत्तर दे देती हैं, तब शान्त-स्थिर ग्रहणशीलता की, एकाग्र पर…
श्रीमाँ की ओर खुले रहने का तात्पर्य है बराबर शांत-स्थिर और प्रसन्न बने रहना तथा दृढ़ विश्वास बनाये रखना न…
जैसे-जैसे व्यक्ति विकसित होता है, वह आध्यात्मिक स्वाधीनता की ओर बढ़ता रहता है। किन्तु यह स्वाधीनता ऐसी चीज नहीं है…
भारत का मिशन या जीवन-लक्ष्य है मानवता को मानव-स्वातन्त्र्य, मानव-समानता, मानव-भ्रातृत्व के सच्चे उद्गम की ओर पुनः निर्देशित करना। जब…
सामान्य जीवन से बस व्याकुलताभरा असंतोष इस योग के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं है। आध्यात्मिक जीवन में सफलता पाने के…