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योग के विषय में ग़लत धारणाएँ – ४
अतिमानसिक चेतनाके विषयमें बातें करना और उसे अपने अन्दर उतारने- की बात सोचना सबसे अधिक खतरनाक है । यह महान् कार्य करने की पूर्ण लालसा...
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योग के विषय में ग़लत धारणाएँ-३
योग का उद्देश्य कोई महान् योगी या अतिमानव होना नहीं है। यह योगको अहंकारपूर्ण ढंगसे ग्रहण करना है और इससे कोई भलाई नहीं हो सकती...
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योग के विषय में ग़लत धारणाएँ-२
योग का उद्देश्य शक्ति प्राप्त करना या दूसरों से अधिक शक्तिशाली बनना अथवा सिद्धियां प्राप्त करना अथवा महान् या आश्चर्यजनक या चमत्कारपूर्ण कार्य करना नहीं...
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योग के विषय में ग़लत धारणाएँ – १
योग का लक्ष्य श्रीअरविन्द या श्रीमाताजीके ‘जैसा’ बनना नहीं है। जो लोग इस विचार का पोषण करते हैं बड़ी आसानी से आगे के इस विचार...
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दर्शन दिवस और विरोधी शक्तियां
यह बहुधा घटित होता है कि दर्शन-दिवस के समीप आते ही विरोधी शक्तियां एकजुट हो जाती हैं और व्यक्तिगत रूप में या व्यापक तौर पर...
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परामर्शदाता नॉर्टन और मजिस्ट्रेट बर्ली साहब
यदि नॉर्टन साहब थे नाटक के रचयिता, प्रधान अभिनेता और सूत्रधार तो मजिस्ट्रेट बर्ली को कहा जा सकता है नाटककार का पृष्ठपोषक या patron |...
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हमारे नाटक के शेक्सपीयर
हमारे नाटक के शेक्सपीयर थे नॉर्टन साहब। किन्तु शेक्सपीयर और नॉर्टन में मैंने एक प्रभेद देखा। संगृहीत उपादान का कुछ अंश शेक्सपीयर कहीं-कहीं छोड़ भी...
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मुक़द्दमे के विचित्र जीव
मुक़द्दमे का स्वरूप कुछ विचित्र था। मजिस्ट्रेट, परामर्शदाता, साक्षी, साक्ष्य Exhibits (साक्ष्य-सामग्री), आसामी सभी विचित्र। दिन-पर-दिन उन्हीं गवाहों और Exhibits का अविराम प्रवाह, उसी परामर्शदाता...