श्रीअरविंद

मेरा सत्य

मेरा सत्य वह है जो अज्ञान और मिथ्यात्व को अस्वीकार करता है और ज्ञान की ओर अग्रसर होता है, अंधकार…

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चारित्रिक बाधाएँ

प्रत्येक साधक नैसर्गिक रूप से कुछ ऐसी चारित्रिकताएँ लिए होता है जो साधना पथ पर बड़ी बाधा उपस्थित करती है,…

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भगवान के साथ तुम्हारा संबंध

भगवान् के साथ जो तुम्हारा सम्बन्ध है उसमें तुम्हारा ध्यान इस बात पर नहीं होना चाहिये कि भगवान् तुम्हारी व्यक्तिगत…

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साधना में प्रगति

अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में प्रगति कर रहे हो .…

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शुद्धि मुक्ति की शर्त है

शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह सीमित करने वाली, बंधनकारी, तमाच्छादित…

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श्रीअरविंद का प्रकाश

मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम धीरज के साथ इसके लिए…

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भक्तिमार्ग का प्रथम पग

...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो जाती है वही से शुरू…

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हमारी पहली आवश्यकता

हमारी पहली आवश्यकता श्रद्धा है; क्योंकि भगवान में, जगत में और सबसे महत्वपूर्ण यह कि भागवत परम सत्ता में श्रद्धा…

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सनातन धर्म

दूसरे धर्म अधिक प्रचलित रूप से श्रद्धा और व्रतदीक्षा के धर्म हैं, किन्तु 'सनातन धर्म' स्वयं जीवन है; यह एक…

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माँ का सच्चा बालक

तुम माँ के बच्चे हो और माँ का अपने बच्चों के प्रति प्रेम असीम होता है, और वे उनके स्वभाव…

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