फटी क़मीज़
१ : उन दिनों की बात है जब श्रीमाँ साधकों को अपने कर कमलों से सूप वितरित करती थी। एक साधक सूप वितरण के समय...
१ : उन दिनों की बात है जब श्रीमाँ साधकों को अपने कर कमलों से सूप वितरित करती थी। एक साधक सूप वितरण के समय...
नलिनी कांत गुप्त की नववधू इन्दुलेखा आश्रम आईं। यह उन दिनों की बात है जब श्रीअरविंद ने एकांतवास आरम्भ नहीं किया था, अतः लोग उनसे...
स्वर्गीय श्री पृथ्वीसिंह नाहर ने बताया, “एक दिन निद्रा की स्थिति में मुझे अचानक अपने ह्रदय में कुछ बेचैनी और भारीपन की प्रतीति हुई जो...
स्वर्गीय उदय सिंह नाहर जब आश्रमवासी हुए तब उनकी आयु बहुत कम थी किंतु शीघ्र ही श्रीमाँ ने उन्हें अपने कक्ष की सफ़ाई करने का...
श्रीअरविंद के देहत्याग के बाद श्रीमाँ ने उस कक्ष में से दर्शन देना बन्द कर दिया जिसमें वे श्रीअरविंद के साथ विराजमान होकर दर्शन देती...
यह लगभग तीन दशक पूर्व की बात है। मुझे रह-रहकर बहुत मानसिक पीड़ा होती थी कि मुझे कभी श्रीअरविंद के दर्शन क्यों नहीं हुए। एक...
आश्रम में प्रायः सभी साधक एक-दो घंटे व्यायाम करते हैं। स्वर्गीय परिचंद एक विद्वान व्यक्ति थे और अध्ययन के बहुत प्रेमी थे। एक बार उन्होंने...
एक बार कृष्णा आदिनाथ ने स्वप्न में श्रीअरविंद के दर्शन किये । उस समय वे तरुण लग रहे थे, दाढ़ी और मूंछ भी नहीं थीं...
दस वर्ष का चेला बहुत शरारती था। एक बार उसने आश्रम की क्रीड़ाभूमि में एक छोटी बालिका के हाथ से उसकी गेंद छिनने की कोशिश...
एक बार बीरेन के एक मित्र आश्रम आए। वे बीरेन के लिए बर्मा टीक की एक आराम कुर्सी बनवा कर लाए। बीरेन ने श्रीअरविंद से...