एकाग्रता

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जब तुम काम करो उस समय यदि तुम एकाग्र हो सको तो तुम ठीक दस मिनट में उतना काम कर…

स्वर्ग और नर्क

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क्या स्वर्ग और नरक का अस्तित्व है? स्वर्ग और नरक एक ही साथ सत्य और मिथ्या दोनों हैं। उनका अस्तित्व…

मन की संकीर्णता

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मन की संकीर्णता से प्रेम करने का क्या तात्पर्य है? लोग संकीर्ण रहना पसन्द करते हैं; वे उनके अपने सीमित…

श्रीअरविंद आश्रम की स्थापना का उद्देश्य

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इस आश्रम की स्थापना का उद्देश्य वह नहीं हैं जो साधारणतया ऐसी संस्थाओं की स्थापना का हुआ करता है ।…

शिष्टाचार

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जो लोग अपनी आजीविका के लिए तुम पर निर्भर हैं उनके साथ तुम्हें बहुत शिष्ट होना चाहिये। अगर तुम उनके…

सुख

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तुम जो सुख पाते हो उसकी अपेक्षा तुम जो सुख देते हो वह तुम्हें ज़्यादा सुखी बनाता है । संदर्भ…

अन्याय का दण्ड

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माताजी, क्या भगवान् अन्याय के दण्ड देते हैं ? क्या भगवान् के लिये किसी को दण्ड देना सम्भव है ?…

परिवर्तन संभव है

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मैं अनुभव करता हूं कि मैं निष्फल भाग्य के साथ जन्मा आपका शून्य बालक हूं; ऐसे बालक के लिए जीवन…

श्रीमाँ की प्रार्थना

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हे सर्वसत्तासंपन्न सामर्थ्य, हे विजयी शक्ति, शुद्धि, सौन्दर्य, परम प्रेम, वर दे कि अपनी पूर्णता में यह सत्ता , अपनी…

दो संभावनाएँ

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दो संभावनाएँ होती हैं, एक है व्यक्तिगत प्रयास के द्वारा शुद्धिकरण, जो लंबा समय लेता है; दूसरा है भागवत कृपा…