विभिन्न मूल्य रखने वाले लोग एक साथ, सामंजस्य मैं कैसेे रह सकते और काम कर सकते हैं?
इसका समाधान यह है कि अपने अंदर गहराइयों में जाओ और उस जगह को पा लो जहां सभी भेद मिल कर सारभूत और शाश्वत ‘ऐक्य’ का निर्माण करते हैं |
‘श्री मातृवाणी'(खंड १३, पृष्ठ २१७)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…