श्रीमाँ का संपर्क सारे दिन और सारी रात भी बना रहता है । अगर तुम सारे दिन उनके साथ उचित संपर्क बनाये रखो तो प्रणाम भी अपना उचित फल लाएगा, क्योंकि ग्रहण करने के लिए तुम उचित अवस्था में होंगे ।
संदर्भ : माताजी के विषय में
यदि अधिकतर भारतीय सचमुच अपने सम्पूर्ण जीवन को सच्चे अर्थ में धार्मिक बना पाते तब…
जो लोग सत्यके अनुसार अपना-जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, उनके लिये एकमात्र मार्ग है भागवत…
जब तक हम वर्तमान विश्व-चेतना में निवास करते हैं तब तक यह जगत, जैसा कि…
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…