श्रीमाँ तथा श्रीअरविंद की सहायता हमेशा तुम्हारे लिए प्रस्तुत है। तुम्हें पूरी तरह से उसके प्रति मुड़ना-भर है और वह तुम्हारे ऊपर क्रिया करेगी।
संदर्भ : माताजी के विषय में
जो अपने हृदय के अन्दर सुनना जानता है उससे सारी सृष्टि भगवान् की बातें करती…
‘भागवत कृपा’ के सामने कौन योग्य है और कौन अयोग्य? सभी तो उसी एक दिव्य…
सच्चा आराम आन्तरिक जीवन में होता है, जिसके आधार में होती है शांति, नीरवता तथा…