श्री मातृमंदिर के 4 प्रवेश द्वारों का श्री माँ द्वारा प्रदत्त आध्यात्मिक आशय :
दक्षिण प्रवेश द्वार – महेश्र्वरी
उत्तर प्रवेश द्वार – महाकाली
पूर्व प्रवेश द्वार – महालक्ष्मी
पश्चिम प्रवेश द्वार – महासरस्वती
तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव…
सभी अग्नि-परीक्षाओं के लिए कृतज्ञ होओ क्योंकि वे भगवान की ओर ले जाने वाले छोटे-से-छोटे…
जिसने एक बार अपने-आपको भगवान् के अर्पण कर दिया उसके लिए इसके सिवा कोई और…
भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…
सच्चा ध्यान क्या है ? वह भागवत उपस्थिती पर संकल्प के साथ सक्रिय रूप से…
स्वयं मुझे यह अनुभव है कि तुम शारीरिक रूप से, अपने हाथों से काम करते…
अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…
मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…
यदि सचमुच में हम, ठीक से जान सकें जीवन के उत्सव के हर विवरण को,…