तुम जिन भौतिक चीजों का उपयोग करते हो उनको ठीक से सम्भाल कर न रखना निश्चेतना और अज्ञान का चिह्न है । अगर तुम भौतिक चीज की–वह चाहे कुछ भी क्यों न हो–देखभाल नहीं करते तो तुम्हें उसका उपयोग करने का कोई अधिकार नहीं है । तुम्हें उसकी देखभाल इसलिए नहीं करनी चाहिये कि तुम उससे आसक्त हो बल्कि इसलिए कि वह भी भागवत चेतना के कुछ अंश को अभिव्यक्त करती है ।
सन्दर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…