श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

भारत का मानचित्र

(“माताजी के भारत के मानचित्र” के बारे में जो आश्रम के क्रीड़ांगड़)

यह सब तरह के अस्थायी रूपों के बावजूद सच्चे भारत का मानचित्र हैं, और यही हमेशा सच्चे भारत का मानचित्र रहेगा, लोग इसके बारे में कुछ भी क्यों न सोचें ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

 

शेयर कीजिये

नए आलेख

महत्वपूर्ण सिद्धान्त

न केवल अपनी आन्तरिक एकाग्रता में बल्कि अपनी बाह्य क्रियाओं व गतिविधियों में भी तुम्हें…

% दिन पहले

योग का अर्थ

योग का अर्थ संयुक्त होना है तथा योग का सम्पूर्ण लक्ष्य मानव आत्मा की सर्वोच्च…

% दिन पहले

हमारा लक्ष्य

हमारा लक्ष्य न तो राजनीतिक है, न सामाजिक, वह आध्यात्मिक लक्ष्य है। हम जो चाहते…

% दिन पहले

दिव्य माँ का धरती पर कार्य

केवल एक ही चीज़ है जिसके बारे में मुझे पूरा विश्वास है, और वह है,…

% दिन पहले

मुर्गी के छोटे बच्चें

कोई आसक्ति न हो, कोई कामना न हो, कोई आवेग न हो, कोई पसन्द न…

% दिन पहले

बाहरी विनम्रता

एक आन्तरिक विनम्रता अत्यंत आवश्यक है, किन्तु मुझे नहीं लगता कि बाहरी विनम्रता बहुत उपयुक्त…

% दिन पहले