… हमारे कहने का यह अभिप्राय है कि संग्राम और विनाश ही जीवन के अथ और इति नहीं है, कि सामञ्जस्य संग्राम से बड़ी चीज है, कि मृत्यु की अपेक्षा प्रेम भगवान् का अधिक अभिव्यक्त रूप है और यह भी कि हमें भौतिक बल का स्थान आत्मबल को, युद्ध का स्थान शान्ति को, फूट का स्थान एकत्व को, निगलने का स्थान प्रेम को, अहंभाव का स्थान विश्वभाव को, मृत्यु का स्थान अमर जीवन को देना चाहिये। वस्तुतः भगवान् केवल संहारकर्ता ही नहीं बल्कि सभी प्राणियों के मित्र है; केवल विश्व के त्रिदेव ही नहीं बल्कि परात्पर पुरुष हैं, करालवदना काली भी प्रेममयी और मंगलदायिनी माता ही हैं: कुरुक्षेत्र के स्वामी दिव्य सखा और सारथी है, सभी प्राणियों के मनमोहन हैं, अवतार श्रीकृष्ण है। इसमें सन्देह नहीं कि जगत के इस संग्राम, संघर्ष और समस्त अस्तव्यस्तता में से होकर प्रभु हमें उस परात्पर की ओर ही बढ़ा रहे हैं जिन्हें भले अभी हम देख न पायें, लेकिन लक्ष्य पर पहुंचने के बाद हम पायेंगे कि आरम्भ से ही हमारा हृदय इसी की तो मनोकामना कर रहा है। लेकिन, उस पथ पर चलते हुए
हमें जगत् को जैसा यह है, वैसा ही लेना होगा। और जैसे-जैसे, जहां-जहां से प्रभु हमें ले चलें, उन पर पूरा भरोसा रख कर अगर हम उनके संग-संग चलते चलें तो मार्ग तथा लक्ष्य स्वयं प्रत्यक्ष हो जायेंगे। हमें कुरुक्षेत्र को मानना होगा, मृत्यु से होकर जीवन का जो विधान है उसे स्वीकारना होगा, तभी हम अमर जीवन के पथ का पता पा सकेंगे। हमें अपनी आंख खोल कर-अर्जुन की अपेक्षा कम व्यथित दृष्टि से ईश्वर के कालरूप के दर्शन करने होंगे और इस विश्व-संहार को अस्वीकार करने, इससे घृणा
करने या इससे डर कर भागने की प्रवृत्ति को छोड़ देना होगा।

संदर्भ : गीता प्रबंध 

शेयर कीजिये

नए आलेख

समुचित मनोभाव

सब कुछ माताजी पर छोड़ देना, पूर्ण रूप से उन्ही पर भरोसा रखना और उन्हें…

% दिन पहले

देवत्‍व का लक्षण

श्रीअरविंद हमसे कहते हैं कि सभी परिस्थितियों में प्रेम को विकीरत करते रहना ही देवत्व…

% दिन पहले

भगवान की इच्छा

तुम्हें बस शान्त-स्थिर और अपने पथ का अनुसरण करने में दृढ़ बनें रहना है और…

% दिन पहले

गुप्त अभिप्राय

... सामान्य व्यक्ति में ऐसी बहुत-से चीज़ें रहती हैं, जिनके बारे में वह सचेतन नहीं…

% दिन पहले

मुझसे क्या चाहते हैं ?

भगवान मुझसे क्या चाहते हैं ? वे चाहते हैं कि पहले तुम अपने-आपको पा लो,…

% दिन पहले

सूर्यालोकित पथ

सूर्यालोकित पथ का ऐसे लोग ही अनुसरण कर सकते हैं जिनमें समर्पण की साधना करने…

% दिन पहले