श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

डर के कारण बीमारी

क्या कोई डर के कारण बीमार हो सकता है?

हां। मैं एक आदमी को जानती थी जो इतना अधिक डरा हुआ था कि उसे हैजा हो गया ! उसके पड़ोस में हैजा था। वह इतना अधिक डर गया कि बिना किसी और कारण के वह बीमार हो गया। उसे हैजा होने का कोई और कारण न था : उसे केवल भय के कारण हैजा हुआ था। और यह बहुत आम बात है; किसी महामारी में अधिकतर रोगियों के साथ ऐसा ही होता है। भय के कारण द्वार खुल जाता है और तुम्हें बीमारी लग जाती है। जिनमें भय नहीं है वे आजादी से घूम-फिर सकते हैं और साधारणतः
उन्हें कुछ नहीं होता। फिर जैसा कि मैंने वहां कहा है, हो सकता कि तुम्हारे मन में भय न हो, तुम्हारे प्राण में भी कोई भय न हो, लेकिन ऐसा कौन है जिसके शरीर में भय न हो?… बहुत ही कम।

संदर्भ : प्रश्न और उत्तर १९५३

शेयर कीजिये

नए आलेख

आध्यात्मिक जीवन की तैयारी

"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…

% दिन पहले

उदार विचार

मैंने अभी कहा था कि हम अपने बारे में बड़े उदार विचार रखते हैं और…

% दिन पहले

शुद्धि मुक्ति की शर्त है

शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…

% दिन पहले

श्रीअरविंद का प्रकाश

मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…

% दिन पहले

भक्तिमार्ग का प्रथम पग

...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…

% दिन पहले

क्या होगा

एक परम चेतना है जो अभिव्यक्ति पर शासन करती हैं। निश्चय ही उसकी बुद्धि हमारी…

% दिन पहले