जहां तक भूलने का प्रश्न है, जितना ज्यादा तुम अपनी आत्मा को याद रखोगी उतना ही बाह्य परिस्थितियों को भूल जाओगी। तुम उतना ही याद रखोगी जितना याद रखा जाना आवश्यक है और यह बहुत अच्छा है ।
प्यार।
संदर्भ : सफ़ेद गुलाब
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…