श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

प्रार्थना करो

यह इसलिए है क्योंकि समस्त संसार मिथ्यात्व में पूरी तरह डूबा हुआ है-इसलिए वे सभी कर्म जो ऊपर उभर आते हैं, मिथ्या होंगे, और यह अवस्था लम्बे समय तक चल सकती है तथा लोगों और देश के लिए बहुत कष्ट ला सकती है।

बस, एक ही चीज करने लायक है, हृदय से भागवत हस्तक्षेप के लिए प्रार्थना करो क्योंकि वही एक चीज है जो हमारी रक्षा कर सकती है। वे सब जो इस विषय में सचेतन हो सकते हैं उन्हें बहुत दृढ़ता के साथ निश्चय करना चाहिये कि वे केवल ‘सत्य’ पर स्थित रहेंगे और केवल ‘सत्य’-क्रिया ही करेंगे। कोई समझौता नहीं होना चाहिये। यह एकदम अनिवार्य है। यही एकमात्र मार्ग है।

चीजें भले भटकती या हमारे लिए बुरी होती दिखायी दें, वस्तुतः जैसा कि इस समय फैले हुए मिथ्यात्व के कारण होगा-हम ‘सत्य’ के लिए डटे रहने के अपने निश्चय से न डिगें। यही एकमात्र मार्ग है ।

 

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-१)

शेयर कीजिये

नए आलेख

उदार विचार

मैंने अभी कहा था कि हम अपने बारे में बड़े उदार विचार रखते हैं और…

% दिन पहले

शुद्धि मुक्ति की शर्त है

शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…

% दिन पहले

श्रीअरविंद का प्रकाश

मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…

% दिन पहले

भक्तिमार्ग का प्रथम पग

...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…

% दिन पहले

क्या होगा

एक परम चेतना है जो अभिव्यक्ति पर शासन करती हैं। निश्चय ही उसकी बुद्धि हमारी…

% दिन पहले

प्रगति का अंदाज़

मधुर मां, हम यह कैसे जान सकते हैं कि हम व्यक्तिगत और सामुदायिक रूप में…

% दिन पहले