श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

पूर्णता की मात्रा

जब हम पूर्णता की मात्रा को प्राप्त हो जायेंगे, जो कि हमारा लक्ष्य है , तब हम देखेंगे कि जिस सत्य की खोज हम कर रहे हैं वह चार प्रधान चीजों सें बना है- प्रेम, ज्ञान, शक्ति और सौंदर्य । सत्य के ये चारों रूप अपने-आप हमारी सत्ता के अंदर अभिव्यक्त होंगे । चैत्य पुरुष होगा सच्चे और शुद्ध प्रेम का वाहन, मन होगा अभ्रांत ज्ञान का यंत्र, प्राण प्रकट करेगा एक अदम्य शक्ति और सामर्थ्य; और शरीर बन जायेगा पूर्ण सौंदर्य और पूर्ण सामंजस्य की प्रतिमा ।

संदर्भ : शिक्षा के ऊपर 

 

शेयर कीजिये

नए आलेख

रूपांतर का मार्ग

भगवान के प्रति आज्ञाकारिता में सरलता के साथ सच्चे रहो - यह तुम्हें रूपांतर के…

% दिन पहले

सच्चा ध्यान

सच्चा ध्यान क्या है ? वह भागवत उपस्थिती पर संकल्प के साथ सक्रिय रूप से…

% दिन पहले

भगवान से दूरी ?

स्वयं मुझे यह अनुभव है कि तुम शारीरिक रूप से, अपने हाथों से काम करते…

% दिन पहले

कार्य के प्रति मनोभाव

अधिकतर लोग कार्यों को इसलिये करते हैं कि वे उन्हें करने पड़ते है, इसलिये नहीं…

% दिन पहले

चेतना का परिवर्तन

मधुर माँ, जब श्रीअरविंद चेतना के परिवर्तन की बात करते हैं तो उनका अर्थ क्या…

% दिन पहले

जीवन उत्सव

यदि सचमुच में हम, ठीक से जान सकें जीवन के उत्सव के हर विवरण को,…

% दिन पहले