समाजवादी चाहते हैं पूंजीवाद को खत्म करना, किन्तु ऐसा न करना बेहतर होगा। वे राष्ट्रीय संपत्ति के स्तोत्र हैं। उन्हें राष्ट्र के हित में खर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। कर लगाना ठीक है, किन्तु तुम्हें उत्पादन बढ़ाना होगा, नये उद्योग आरम्भ करने होंगे और जीवन-स्तर को भी उपर उठाना होगा। इसके बिना यदि तुम करों में वृद्धि करोगे तब मन्दी की स्थिति आ जायेगी।
संदर्भ : सांध्य वार्ताएं
तुम्हारी श्रद्धा, निष्ठा और समर्पण जितने अधिक पूर्ण होंगे, भगवती मां की कृपा और रक्षा भी…
भगवान् ही अधिपति और प्रभु हैं-आत्म-सत्ता निष्क्रिय है, यह सर्वदा शान्त साक्षी बनी रहती है…
अगर चेतना के विकास को जीवन का मुख्य उद्देश्य मान लिया जाये तो बहुत-सी कठिनाइयों…
दुश्मन को खदेड़ने का सबसे अच्छा तरीक़ा है उसके मुँह पर हँसना! तुम उसके साथ…
आलोचना की आदत-अधिकांशतः अनजाने में की गयी दूसरों की आलोचना-सभी तरह की कल्पनाओं, अनुमानों, अतिशयोक्तियों,…