एक बार कृष्णा आदिनाथ ने स्वप्न में श्रीअरविंद के दर्शन किये । उस समय वे तरुण लग रहे थे, दाढ़ी और मूंछ भी नहीं थीं और वे पश्चिमीपोषक, पैंट और जैकेट पहने हुए थे। वे इतने सुंदर लग रहे थे कि शब्दों में उस सौन्दर्य का वर्णन संभव नहीं ।
कृष्णा को ध्यान और निद्रा में प्रायः श्रीअरविंद के दर्शन होते थे। इन अंतरदर्शनों में सदैव भारतीय पोशाक पहने हुए होते थे। अब उनके मन में प्रश्न उठा, “पश्चिमी पोशाक में इस दर्शन का क्या अभिप्राय है?” कृष्णा ने नलिनी कान्त गुप्त के सम्मुख अपनी जिज्ञासा रखी। उन्होने उत्तर दिया “तुमने सत्य ही देखा है। पश्चिमी पोशाक आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान की प्रतिनिधि है।”
(यह कथा सुश्री कृष्णा आदिनाथ ने मुझे सुनाई थी। )
संदर्भ : श्रीअरविंद और श्रीमाँ की दिव्य लीला
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