निर्णय करने के लिए मैंने एक तरकीब खोज निकाली है । मैं मामले को स्थगित कर देता हूं और आन्तरिक रूप से उसे आपके आगे रखता हूं। समाधान अपने-आप आ जाता है ।
वास्तव में यही सच्चा तरीका है और सब जगह इसी का उपयोग करना चाहिये ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग -३)
सबसे पहले हमें सचेतन होना होगा, फिर संयम स्थापित करना होगा और लगातार संयम को…
प्रेम और स्नेह की प्यास मानव आवश्यकता है, परंतु वह तभी शांत हो सकती है…
पत्थर अनिश्चित काल तक शक्तियों को सञ्चित रख सकता है। ऐसे पत्थर हैं जो सम्पर्क की…