यदि तुम रोग मुक्त होना चाहते हो तब दो शर्तें हैं। पहला, तुम्हें भय से मुक्त होना होगा, नितान्त निर्भीक, समझते हो न ! और दूसरा, तुम्हें भागवत सुरक्षा में पूर्ण विश्वास रखना होगा । ये दोनों चीजें अनिवार्य हैं ।
संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-३)
अगर तुम्हारी श्रद्धा दिनादिन दृढ़तर होती जा रही है तो निस्सन्देह तुम अपनी साधना में…
"आध्यात्मिक जीवन की तैयारी करने के लिए किस प्रारम्भिक गुण का विकास करना चाहिये?" इसे…
शुद्धि मुक्ति की शर्त है। समस्त शुद्धीकरण एक छुटकारा है, एक उद्धार है; क्योंकि यह…
मैं मन में श्रीअरविंद के प्रकाश को कैसे ग्रहण कर सकता हूँ ? अगर तुम…
...पूजा भक्तिमार्ग का प्रथम पग मात्र है। जहां बाह्य पुजा आंतरिक आराधना में परिवर्तित हो…