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. . . यदि किसी में बिलकुल ही कोई ज्ञान न हो पर भागवत कृपा…
तुम ध्यान किसे कहते हो? आखें बंद करके एकाग्र होने को? यह सच्ची चेतना को…
मधुर माँ, अगर मैं अपने सारे जीवन और उसकी परिस्थितियों पर नज़र डालूँ तो मैं…
भगवान स्वयं मार्ग पर चल कर मनुष्यों को राह दिखाने के लिए मनुष्य का रूप…
कुछ लोगों को श्रीमां के चारों ओर ज्योति आदि के दर्शन होते हैं पर मुझे नहीं…
पूर्णता कोई निष्क्रिय स्थिति नहीं होती, यह एक प्रकार की संतुलन की अवस्था होती है;…