श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

तुम्हारा चुनाव

तुम इस समय यहाँ, यानी, धरती पर इसलिए हो क्योंकि एक समय तुमने यह चुनाव किया था – अब तुम्हें उसकी याद नहीं हैं, पर मैं जानती हूँ – इसी कारण तुम यहाँ हो। हाँ, तुम्हें इस कार्य की ऊँचाई तक उठना चाहिये, तुम्हें प्रयास करना चाहिये, तुम्हें सभी कमज़ोरियाँ और सीमाओं को जीतना चाहिये : और सबसे बढ़ कर तुम्हें अपने अहंकार  से कहना चाहिये : “तुम्हारा समय बीत गया।” हम एक ऐसी जाति चाहते हैं जिसमें अहंकार न हो, जिसमें अहंकार की जगह भागवत चेतना हो। हम यही चाहते हैं : एक भागवत चेतना जो  जाति को विकसित होने और अतिमानस सत्ता को जन्म लेने दे।

संदर्भ : पथ पर 

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