श्रेणियाँ श्री माँ के वचन

तकलीफ़ों का सही उपचार

अगर तुम तकलीफ के बारे में सोचते ही रहोगे तो वह बढ़ती चली जायेगी । अगर तुम उस पर केन्द्रित हुए तो वह फूल उठेगी, उसे लगेगा कि उसका स्वागत किया जा रहा है । लेकिन अगर तुम उस पर कोई ध्यान न दो तो उसे तुम्हारे अन्दर कोई रस न रह जायेगा और वह दूर चली जायेगी ।

सबसे अच्छा उपचार यह है कि अपने बारे में अपने दोषों और अपनी कठिनाइयों के बारे में सोचना बन्द कर दो ।

आओ हम केवल उस महान् कार्य के बारे में सोचें, उस आदर्श के बारे में सोचें जिसे श्रीअरविन्द ने हमें चरितार्थ करने के लिए दिया है । उस काम के बारे में, हम उसे किस तरह करते हैं इसके बारे में ‘नहीं’ ।

मैं सहायता करूंगी ।

संदर्भ : माताजी के वचन (भाग-२)

शेयर कीजिये

नए आलेख

प्रार्थना

(जो लोग भगवान की  सेवा  करना चाहते हैं  उनके लिये एक प्रार्थना ) तेरी जय…

% दिन पहले

आत्मा के प्रवेश द्वार

यदि तुम्हारें ह्रदय और तुम्हारी आत्मा में आध्यात्मिक परिवर्तन के लिए सच्ची अभीप्सा jहै, तब…

% दिन पहले

शारीरिक अव्यवस्था का सामना

जब शारीरिक अव्यवस्था आये तो तुम्हें डरना नहीं चाहिये, तुम्हें उससे निकल भागना नहीं चाहिये,…

% दिन पहले

दो तरह के वातावरण

आश्रम में दो तरह के वातावरण हैं, हमारा तथा साधकों का। जब ऐसे व्यक्ति जिनमें…

% दिन पहले

जब मनुष्य अपने-आपको जान लेगा

.... मनुष्य का कर्म एक ऐसी चीज़ है जो कठिनाइयों और परेशानियों से भरी हुई…

% दिन पहले

दृढ़ और निरन्तर संकल्प पर्याप्त है

अगर श्रद्धा हो , आत्म-समर्पण के लिए दृढ़ और निरन्तर संकल्प हो तो पर्याप्त है।…

% दिन पहले